Sunday, July 31, 2016

"Wo Jo Hum May Tum May Karaar Tha""वो जो हम मे तुम मे करार था"By Momin Khan Momin


Kapil Jain's Understanding of Ghazal,
"Wo Jo Hum May Tum May Karaar Tha"
"वो जो हम मे तुम मे करार था"
By Momin Khan Momin
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वो जो हम में तुम में करार था ,
तुम्हें याद हो के ना याद हो..
वही यानी वादा निबाह का,
तुम्हें याद हो के ना याद हो..
वो नए गिले वो शिकायतें ,
वो मज़े मज़े की हिकायतें ,
वो हर एक बात पे रूठना ,
तुम्हें याद हो के ना याद हो...
कभी हम मे तुम मे भी चाह थी ,
कभी हम से तुम से भी राह थी ,
कभी हम भी तुम भी थे आशना ,
तुम्हें याद हो के ना याद हो...
जिसे आप गिनते थे आशना ,
जिसे आप कहते थे बा-वफ़ा,
मैं वही हूँ मोमिन-इ-मुब्तला ,
तुम्हें याद हो के ना याद हो..
वो जो लुत्फ़ मुझ पे थे पेश्तर,
वो करम के था मेरे हाल पर..
मुझे सब है याद ज़रा ज़रा
तुम्हें याद हो के ना याद हो
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वो जो हम में तुम मे करार था ,
तुम्हें याद हो के ना याद हो..
वही यानी वादा निबाह का,
तुम्हें याद हो के ना याद हो..
करार : Here meaning "Understanding"
यानी : That Is To Say
वादा : Promise
निबाह : Loyalty
In between us, 
there was an understanding, 
Do you remember or not?,
there was a promise of loyalty,
Do you remember or not?
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वो नए गिले वो शिकायतें ,
वो मज़े मज़े की हिकायतें ,
वो हर एक बात पे रूठना ,
तुम्हें याद हो के ना याद हो...
गिले : गिला : Complaint, Blame, Lamentation
शिकायत : Complaint, Accusation
हिकायत : Anecdote, Story, Narrative
रूठना : tantrums, Angry,  Annoyed
Each time,
Your new blames, Your Complaints,
Your narratives, Your tantrums,
Do you remember or not?
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कभी हम में तुम मे भी चाह थी ,
कभी हम से तुम से भी राह थी ,
कभी हम भी तुम भी थे आशना ,
तुम्हें याद हो के ना याद हो...
चाह : Affection, Liking, Love
राह : Same thinking, Path, Access, Passage
आशना : Lover, Friends, Acquaintance
At one point,
We were affectionate,
We had the same thinking, path,
We loved each other,
Do you remember or not?
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जिसे आप गिनते थे आशना ,
जिसे आप कहते थे बा-वफ़ा,
मैं वही हूँ मोमिन-इ-मुब्तला ,
तुम्हें याद हो के ना याद हो..
गिनते : गिनना : Count
बा-वफ़ा : Faithful
मोमिन : Poet : 'Momin' Khan Momin
मुब्तला : Absorbed, Embroiled In
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वो जो लुत्फ़ मुझ पे थे पेश-तर,
वो करम के था मेरे हाल पर..
मुझे सब है याद ज़रा ज़रा
तुम्हें याद हो के ना याद हो
लुत्फ़ : Joy, Pleasure, Grace, Wit
पेश-तर : Before, prior to
करम : Generosity, Kindness
मेरे हाल पर : My Condition
ज़रा : Few, Little, Just
Prior to our differences,
The joy in which we were in, was the generosity on us, I still remember few,
Do you remember or not?
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Original Source :
वो जो हम में तुम में क़रार था तुम्हें याद हो कि न याद हो 


Saturday, July 30, 2016

मुझको यकीं है सच कहती थी जो भी अम्मी कहती थी



मुझको यकीं है सच कहती थी जो भी अम्मी कहती थी
जब मेरे बचपन के दिन थे चाँद मे परियां रहती थी

एक ये दिन जब अपनों ने भी हम से नाता तोड़ लिया
एक वो दिन जब पेड़ की शाखें बोझ हमारा सहती थी

एक ये दिन जब सारी सड़के रूठी रूठी लगती है
एक वो दिन जब आओ खेलें सारी गलियां कहती थी

एक ये दिन जब जागी रातें दीवारों को तकती है
एक वो दिन जब शामों की भी पलकें बोझिल रहती थी

एक ये दिन जब लाखों गम और काल पड़ा है आँसू का
एक वो दिन जब एक ज़रा सी बात पे नदिया बहती थी

एक ये घर जिसमे मेरा साजो समां रहता है
एक वो घर जिसमे मेरी बूढी नानी रहती थी

मुझको यकीं है सच कहती थी जो भी अम्मी कहती थी
जब मेरे बचपन के दिन थे चाँद मे परियां रहती थी

.......जावेद अख्तर


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