चिराग सारे बुझ गए मगर रात अभी बाकी है ,
तुम जिसे अधूरा छोड़ गए वो बात अभी बाकी है !
समेट कर रख लो ये तेवर, बहुत काम आएंगे ,
तुम्हारे सफर के मुश्किल सभी मुकाम अभी बाकी है !
मेरे शहर के ये लोग तो कब के मर चुके,
यह अलग बात हैै कि सांस अभी बाकी है !
आज भी तेरे जिक्र से इक टीस सी उठती है ,
जुदा तो हो गए मगर कुछ सरोकार अभी बाकी है !!
....... भारती चोपड़ा
👏👏👏👏