मुनीर नियाज़ी कृत "हमेशा देर कर देता हूं मैं"
ज़रूरी बात कहनी हो ,
कोई वादा निभाना हो ,
उसे वापस बुलाना हो ,
हमेशा देर कर देता हूं मैं..
मदद करनी हो उसकी ,
यार की ढांढस बंधना हो ,
बहुत देरी ना रास्तों पर ,
किसे से मिलने जाना हो ,
हमेशा देर कर देता हूं मैं ...
बदलते मौसमो की सैर मे ,
दिलों को लगाना हो ,
किसी को याद रखना हो ,
किसी को भूल जाना हो ,
हमेशा देर कर देता हूं मैं ....
किसी को मौत से पहले ,
किसी ग़म से बचाना हो ,
हकीक़त और थी कुछ ,
उस को जा के ये बताना हो ,
हमेशा देर कर देता हूं मैं ...
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