लकीर टपू
त्रिकोण टपू
चैकोर टपू
इक बार टपू
सौ बार टपू
पार करूँगा
जीवन की हर सरहद
यूँही मस्त मस्त कदमो से
पाउँगा सर्वशेष्ट मुकाम
परवाह नहीं चाहे कितनी ही लम्बी हो यह डगर ,
कामना है सिर्फ यही , बने रहने हमेशा मेरे साथ यु ही
.............. मिलन बड़जात्या
त्रिकोण टपू
चैकोर टपू
इक बार टपू
सौ बार टपू
पार करूँगा
जीवन की हर सरहद
यूँही मस्त मस्त कदमो से
पाउँगा सर्वशेष्ट मुकाम
परवाह नहीं चाहे कितनी ही लम्बी हो यह डगर ,
कामना है सिर्फ यही , बने रहने हमेशा मेरे साथ यु ही
.............. मिलन बड़जात्या
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