Send by Shri Anirudh Agarwal Sahib Ji,
Dear Kapil ji
Dedicated to
' Forget me not '.
उन प्यार भरे लम्हों की
तरंग अभी शेष है ।
उन गुप्त मुलाकातों की
उमंग अभी शेष है ।
अपने स्मृति- पटल से
भुलाना ना प्रियवर
तुम्हारे स्नेह और प्रेम की
ऊष्मा अभी शेष है ।
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