Tuesday, February 24, 2015

Parveen Shakir's "Chalne ka Hausla nahi" : Translated by Kapil Jain with the help of Rekhta link




Parveen Shakir's "Chalne ka Hausla nahi" : Translated by Kapil Jain with the help of Rekhta link

चलने का हौसला नहीं , रुकना मुहाल कर दिया
इश्क़ के इस सफ़र ने तो , मुझको निढ़ाल कर दिया

ऐ मेरी गुल-ज़मीन तुझे , चाह थी इक किताब की
ऐहले-क़िताब ने मगर क्या तेरा हाल कर दिया

मिलते हुऐ दिलो के बीच , और था फ़ैसला कोई
उसने मगर बिछड़ते वक़्त और सवाल कर दिया

अब के हवा के साथ है दामन-ऐ-यार मुन्तज़िर
बनो-ऐ-शब् के हाथ मे रखना संभाल कर दिया

मुमकिना फ़ैसलों मे एक , हिज़्र का फ़ैसला भी था
हमने तो एक बात की, उसने कमाल कर दिया

मेरे लबों पे मोहर थी पर मेरे शीशा-रु ने तो
शहर के शहर को मेरा वाकिफ़-ऐ-हाल कर दिया

चेहरा-ओ-नाम एक साथ आज ना याद आ सके
वक़्त ने किस शबीह को ख्वाबो-ओ-ख्याल कर दिया

मुद्दतों बाद उसने आज मुझसे कोई गिला किया
मनसब-ऐ-दिलबरी पे क्या मुझको बहाल कर दिया


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चलने का हौसला नहीं , रुकना मुहाल कर दिया
इश्क़ के इस सफ़र ने तो , मुझको निढ़ाल कर दिया

ऐ मेरी गुल-ज़मीन तुझे , चाह थी इक किताब की
ऐहले-क़िताब ने मगर क्या तेरा हाल कर दिया

1. गुल-ज़मीन : flowers spreaded land, fertile land , ( here ref. to creativity) ,
2. चाह थी इक किताब ( something new)
3. ऐहले-क़िताब (People following a book)(all hardcore religion people who interpreted in waisted interst)

मिलते हुऐ दिलो के बीच , और था फ़ैसला कोई
उसने मगर बिछड़ते वक़्त और सवाल कर दिया

अब के हवा के साथ है दामन-ऐ-यार मुन्तज़िर
बनो-ऐ-शब् के हाथ मे रखना संभाल कर दिया

4. दामन-ऐ-यार : Hem of Beloved
5. मुन्तज़िर : expectant, one who waits
6. बनो-ऐ-शब् : Shoulder of Night

मुमकिन-ओ-फ़ैसलों मे एक , हिज़्र का फ़ैसला भी था
हमने तो एक बात की, उसने कमाल कर दिया

7. हिज़्र : Separation
(a simple desire for new creativity , Resisted by fundamental value leads to the ultimate Separation)

मेरे लबों पे मोहर थी पर मेरे शीशा-रु ने तो
शहर के शहर को मेरा वाकिफ़-ऐ-हाल कर दिया

8. शीशा-रु : like glass
9. वाकिफ़-ऐ-हाल : connoisseur
my lips were sealed but my expressions were total transparent to every connoisseur of the town

चेहरा-ओ-नाम एक साथ आज ना याद आ सके
वक़्त ने किस शबीह को ख्वाबो-ओ-ख्याल कर दिया

10. शबीह : resemblance , image , picture

could not recollect face & name simultaneously , time in separation faded memory of beloved.

मुद्दतों बाद उसने आज मुझसे कोई गिला किया
मनसब-ऐ-दिलबरी पे क्या मुझको बहाल कर दिया

11. मनसब-ऐ-दिलबरी : Stage of Loving

after a long time ,beloved blamed , this gesture at this stage of loving has restored my faith????

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Translated by Kapil Jain with the help of Rekhta link

https://rekhta.org/ghazals/chalne-kaa-hausla-nahiin-ruknaa-muhaal-kar-diyaa-parveen-shakir-ghazals

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